उत्तर और मध्य अंडमान: प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति का संगम
भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के केंद्र में स्थित, उत्तर और मध्य अंडमान एक ऐसा जिला है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और जीवंत समुदाय के लिए जाना जाता है। यह जिला 3,736 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें 3,730.05 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र और 5.95 वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र शामिल है। 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की कुल जनसंख्या 1,05,597 है, जिसमें 2,741 शहरी जनसंख्या और 1,02,856 ग्रामीण जनसंख्या है।
प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नजारा
उत्तर और मध्य अंडमान अपनी मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ हरे-भरे जंगल, निर्मल समुद्र तट, क्रिस्टल साफ़ पानी और विविध वनस्पति और जीवों का घर है। समुद्री जीवन से भरपूर कोरल रीफ यहाँ के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इस जिले में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जिसमें रड्डी मुंडी नेशनल पार्क और साउथ बटन आइलैंड वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं।
समृद्ध संस्कृति और विविधता का संगम
उत्तर और मध्य अंडमान में विभिन्न संस्कृतियों का सम्मिश्रण है, जो इसे एक जीवंत और आकर्षक स्थान बनाता है। यहाँ मूल आदिवासी जनजातियाँ रहती हैं, जिनकी अपनी अनूठी भाषाएँ, रीति-रिवाज और परंपराएँ हैं। ओंगे, जारावा और सेंटिनेली जैसी जनजातियाँ इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं। इन जनजातियों की संस्कृति और जीवन शैली का अध्ययन करने के लिए यहाँ कई शोधकर्ता और एथ्नोग्राफर आते हैं।
इतिहास और संस्कृति के अवशेष
उत्तर और मध्य अंडमान में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जो इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास का प्रमाण हैं। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान निर्मित कई पुराने भवन और किले यहाँ देखे जा सकते हैं। नेल्सन बंदरगाह, जो एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, यहाँ की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाता है।
कृषि और अर्थव्यवस्था
उत्तर और मध्य अंडमान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, मत्स्य पालन और पर्यटन पर आधारित है। यहाँ नारियल, केला, चावल, मछली और समुद्री खाने योग्य उत्पादों का उत्पादन होता है। समुद्री खाने योग्य उत्पादों का निर्यात एक महत्वपूर्ण आय स्रोत है। पर्यटन भी यहाँ की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
समाज और जीवन शैली
उत्तर और मध्य अंडमान में विभिन्न प्रकार के समुदाय रहते हैं, जिनमें आदिवासी जनजातियाँ, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई शामिल हैं। यहाँ की जनता मेहनती, मिलनसार और अपनी संस्कृति के प्रति गर्व करती है। यहाँ का जीवन शांत और शांत है, जहाँ प्रकृति और संस्कृति के बीच एक सुंदर संतुलन है।
जिले का प्रशासनिक विभाजन
प्रशासनिक रूप से, उत्तर और मध्य अंडमान जिला तीन तहसीलों में विभाजित है: डिगलीपुर, मयाबंदर और रानीचौक। डिगलीपुर क्षेत्र और जनसंख्या दोनों के हिसाब से सबसे बड़ा तहसील है, जबकि मयाबंदर सबसे छोटा है।
यदि आप उत्तर और मध्य अंडमान की समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं, तो यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मई तक होता है। इस दौरान मौसम सुहावना और धूप वाला होता है, जो पर्यटन और बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श है।
और जानें
उत्तर और मध्य अंडमान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप www.panchayats.in वेबसाइट पर जा सकते हैं।
# | Tehsil (CD Block) | Area (km²) | Population (2011) |
---|---|---|---|
1 | Diglipur | 1,523 | 43,183 |
2 | Mayabunder | 857 | 25,788 |
3 | Rangat | 1,355 | 36,626 |
Particulars | Rural | Urban | Total |
---|---|---|---|
Total Population | 1,02,856 | 2,741 | 1,05,597 |
Male Population | 53,457 | 1,404 | 54,861 |
Female Population | 49,399 | 1,337 | 50,736 |
Population Density | 28 / km² | 461 / km² | 28 / km² |
District Overview | |
District (Hindi) : | North & Middle Andaman (उत्तर और मध्य अण्डमान) |
State / UT : | Andaman & Nicobar Islands |
Total Area : | 3,736 km² |
Total Population : | 1,05,597 |
Density : | 28/km² |
Total Tehsils : | 3 |
Total Villages : | 198 |
Total Population | Villages in North & Middle Andaman District |
less Than 200 | 93 |
200 – 499 | 37 |
500 – 999 | 34 |
1000 – 1999 | 24 |
2000 – 4999 | 10 |
5000 – 9999 | N/A |
10000 and above | N/A |